हाथ में दर्द बढ़ने के कारण हेम महाराष्ट्र में डॉ.प्रकाश
आम्टे के अस्पताल में इलाज कराने के लिये जा रहे थे, परन्तु महाराष्ट्र
पुलिस ने उन्हें रास्ते से बलारशाह स्टेशन से उठाकर 350 किलोमीटर दूर अहेरी
थाना क्षेत्र (गढचिरोली) में झूठे मुकदमे में गिरफ्तार दिखाया है...
दिनांक 27
अगस्त 2013 को विभिन्न जन संगठनों व बुद्धिजीवियों द्वारा जेएनयू छात्र
हेम मिश्रा की गिरफ्तारी के विरोध में संयुक्त रूप से एक प्रेस वार्ता का
आयोजन उत्तराखण्ड के हल्द्वानी स्थित एक रेस्टोरेंट में किया गया. प्रेस
वार्ता को सम्बोधित करते हुये वक्ताओं ने कहा कि संस्कृतिकर्मी, राजनैतिक
कार्यकर्ता व जेएनयू के छात्र हेम मिश्रा को महाराष्ट्र पुलिस द्वारा झूठे
और फर्जी मुकदमे में फंसाकर गिरफ्तार किया गया है. हम हेम मिश्रा की
गिरफ्तारी की कड़े शब्दों में निन्दा करते हैं तथा बिना शर्त रिहाई की मांग
करते हैं.

प्रेस को
सम्बोधित करते हुये वक्ताओं ने कहा कि अल्मोड़ा निवासी हेम मिश्रा 1996 से
ही उत्तराखण्ड में प्रगतिशील छात्र मंच (पीएसएफ) से जुड़कर अपने गीतों व
नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से छात्र, मजदूर, किसानों के हितों के लिये अपनी
आवाज बुलन्द करते रहे हैं. 2009 से 2011 तक क्रान्तिकारी जनवादी मोर्चा
(आरडीएफ) की राज्य कमेटी के सदस्य के रूप में जनता के मुद्दों पर संघर्षरत
रहे.
वर्ष 2009
में पीयूडीआर और पीयूसीएल की संयुक्त टीम के साथ मिलकर उन्होंने
उत्तराखण्ड में पुलिस दमन पर फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के माध्यम से पुलिस
दमन को उजागर किया. हेम मिश्रा राजनीतिक बंदी रिहाई कमेटी (सीआरपीपी) के
साथ मिलकर देशभर में जेलों में बन्द राजनीतिक बंदियों की रिहाई के लिये भी
काम करते रहे हैं.
वर्तमान
में हेम जेएनयू में चायनीज लैंग्वेज के छात्र हैं तथा डेमोक्रेटिक स्टूडेंट
यूनियन (डीएसयू) की कार्यकारिणी सदस्य के रूप में छात्रहितों व मेहनतकश
जनता के शोषण-उत्पीड़न के खिलाफ अपने गीतों के माध्यम से आवाज उठाते रहे
हैं. वामपंथी विचारधारा के हेम मिश्रा पिछले डेढ दशक से अपने राजनीतिक
कार्यों व सास्ंकृतिक कर्म से समाज की विषमता, मेहनतकश जनता की तकलीफों व
जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष करते रहे हैं.
प्रेस को
सम्बोधित करते हुये वक्ताओं ने कहा कि हेम मिश्रा के बांये हाथ में जन्मजात
आंशिक विकलांगता है, जिसके कारण पैदा होने के छह दिन बाद से ही एम्स में
उनका इलाज चला और बाद में चेन्नई सहित दक्षिण भारत के विभिन्न जगहों पर
उन्होंने अपने हाथ का इलाज करवाया.
इस बीच
उनके हाथ में पुनः दर्द बढ़ने के कारण वे महाराष्ट्र में डॉ.प्रकाश आम्टे
के अस्पताल में इलाज कराने के लिये जा रहे थे, परन्तु महाराष्ट्र पुलिस ने
उन्हें रास्ते से ही उठाकर (बलारशाह स्टेशन से उठाकर 350 किलोमीटर दूर)
अहेरी थाना क्षेत्र (गढचिरोली) में झूठे मुकदमे में गिरफ्तार दिखाया है.
महाराष्ट्र पुलिस ने हेम मिश्रा को दो स्थानीय युवकों महेश तिर्की और पांडु
नरोटे के साथ माओवादी कुरियर होने का झूठा आरोप लगाकर गिरफ्तार किया है.
प्रेस को
संबोधित करते हुये वक्ताओं ने कहा कि आज पूरे देश में जनता प्राकृतिक
सम्पदा (जल, जंगल, जमीन, खनिज) की लूट के खिलाफ विरोध-प्रतिरोध कर रही है.
प्राकृतिक सम्पदा की लूट के खिलाफ व शोषण-उत्पीड़न के खिलाफ जनता के आक्रोश
को कुचलने के लिये सरकारें दमनचक्र चला रही हैं.
जनता की
आवाज को अपनी कलम के द्वारा, गीतों के द्वारा, कला के माध्यम से उठाने
वालों को साजिशन झूठे-फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेलों में डाला जा रहा है.
हेम मिश्रा भी इसी साजिश का शिकार हैं. वक्ताओं ने हेम मिश्रा की बिना शर्त
रिहाई की मांग करते हुये सभी जनवाद पसन्द व्यक्तियों व संगठनों से
गिरफ्तारी के खिलाफ एकजुटता के साथ विरोध का आह्वान किया.
प्रेस को
क्रांतिकारी जनवादी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जीवन चन्द्र जेसी,
क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के पीपी आर्या, राजनीतिक बन्दी रिहाई कमेटी
के पान सिंह बोरा, रिटायर्ड प्रोफेसर प्रभात उप्रेती, पूजा भट्ट, चन्द्रकला
तिवारी आदि ने संबोधित किया.
साभार- जनज्वार.कॉम
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