राहुल
के घर में देश की सबसे उम्दा पालिहाउसों में उगी या एकदम प्राकृतिक
परिस्तिथियों में उगी आर्गेनिक उत्तम कोटि की फल सब्जियां ही किचन तक आतीं
थीं।और खड़कुआ की खेती पूर्णत:आर्गेनिक और विषैली खादों के बिना उगतीं थीं
राहुल को पता था कि अगर वो सही माप के आलू टमाटर मटर शिमला गोभी उगाये तो
ये देश की मंडियों से छंटकर तुरंत दस जनपथ
पहुंच जायेगा नेता उद्योगपति अभिनेता सिने तारिकाऐं आदि देश का सबसे अच्छा
खाना खाते थे।अब ये रेंडम ही था कि ये अच्छी सब्जियां हल्द्वानी मंडी से
दिल्ली आजादपुर मंडी से होती हुईं राहुल की इच्छित जगह पर पहुंच जायें।
पर खड़कुआ की भक्ति में शक्ति थी और भगवान की उसपर विशेष कृपा थी सो भगवान ने राहुल की सुन ली खड़कुआ जिस लाला को सब्जी बेचता था उसकी जमीन पर एक छोटा आर्गेनिक फार्म बनाकर एक दिल्ली की कंपनी एक वातानूकूलित ट्रक में दिल्ली ले जाती थी एक दिन उस बंदे ने लाला की दुकान में उच्च कोटि के आलू देखे तो उसने कहा कि ये सारे आलू जब भी आयें सीधे मुझे दे दिया करो।इधर राहुल ने खेत से आलू खोदे साफ करे और बड़ी चालाकी से एक आलू के भीतर एक पत्र रख दिया कुछ कोड मैसेज में और यह पत्र वाला आलू तमाम बाधाओं को पार कर राहुल के किचन तक पहुंच गया।उधर राहुल की मां दुखी थी ये लड़का कब अकलदार होगा ना शादी करता है ना PM बनता है उपर से ठीक चुनाव के टैम पर जने कहां भाग गया ये सोचकर राहुल की मां ने राहुल के पसंद की सब्जी खुद बनाने की सोची और आलू काटने गयी तो इत्तफाक से वही आलू हाथ आया जिसमें राहुल का पत्र था राहुल की लिखावट उसकी मां ने पहचान ली और राहुल की कुशल जानकर वो बेहद खुश हुई कि राहुल अब मेहनत से देश संगठन के लिए एक कारगर रोड मैप तैयार कर रहा है।
इधर खड़कुआ जिस लाला को सब्जी बेचता था वहां एक एल आई यू वाला बैठता था उसे शक हुआ कि आजकल खड़कुआ कुछ ज्यादा ही सब्जियां बेचने ला रहा है आखिर बात क्या है उस एल आई यू वाले को खुद तो खड़कुआ के गाँव जाने की ताब न थी पर उसने एक आवारा कपटी भचकती आँख वाले साधु को इस काम के लिए पटाया कि कभी कभार वो गाँवों में घूमा करे कोई बाहरी आदमी दिखे तो सूचित करे हम तुझे गुप्त रुप से मुखबिर वाला ईनाम देंगे और उस कपटी साधु को अत्तर गांजे हेतु 2सौ रुपये दे दिये कपटी साधु तैयार हो गया।उसकी आँखे लालच में भचकने लगी
अब ये कपटी साधु क्या करेगा? क्या राहुल कटरीना का पता चल जायेगा? क्या खड़कुआ के बुरे दिन आयेंगे? राहुल के कारगर रोड मैप का क्या होगा? अगली किस्त का इंतजार करें!
पर खड़कुआ की भक्ति में शक्ति थी और भगवान की उसपर विशेष कृपा थी सो भगवान ने राहुल की सुन ली खड़कुआ जिस लाला को सब्जी बेचता था उसकी जमीन पर एक छोटा आर्गेनिक फार्म बनाकर एक दिल्ली की कंपनी एक वातानूकूलित ट्रक में दिल्ली ले जाती थी एक दिन उस बंदे ने लाला की दुकान में उच्च कोटि के आलू देखे तो उसने कहा कि ये सारे आलू जब भी आयें सीधे मुझे दे दिया करो।इधर राहुल ने खेत से आलू खोदे साफ करे और बड़ी चालाकी से एक आलू के भीतर एक पत्र रख दिया कुछ कोड मैसेज में और यह पत्र वाला आलू तमाम बाधाओं को पार कर राहुल के किचन तक पहुंच गया।उधर राहुल की मां दुखी थी ये लड़का कब अकलदार होगा ना शादी करता है ना PM बनता है उपर से ठीक चुनाव के टैम पर जने कहां भाग गया ये सोचकर राहुल की मां ने राहुल के पसंद की सब्जी खुद बनाने की सोची और आलू काटने गयी तो इत्तफाक से वही आलू हाथ आया जिसमें राहुल का पत्र था राहुल की लिखावट उसकी मां ने पहचान ली और राहुल की कुशल जानकर वो बेहद खुश हुई कि राहुल अब मेहनत से देश संगठन के लिए एक कारगर रोड मैप तैयार कर रहा है।
इधर खड़कुआ जिस लाला को सब्जी बेचता था वहां एक एल आई यू वाला बैठता था उसे शक हुआ कि आजकल खड़कुआ कुछ ज्यादा ही सब्जियां बेचने ला रहा है आखिर बात क्या है उस एल आई यू वाले को खुद तो खड़कुआ के गाँव जाने की ताब न थी पर उसने एक आवारा कपटी भचकती आँख वाले साधु को इस काम के लिए पटाया कि कभी कभार वो गाँवों में घूमा करे कोई बाहरी आदमी दिखे तो सूचित करे हम तुझे गुप्त रुप से मुखबिर वाला ईनाम देंगे और उस कपटी साधु को अत्तर गांजे हेतु 2सौ रुपये दे दिये कपटी साधु तैयार हो गया।उसकी आँखे लालच में भचकने लगी
अब ये कपटी साधु क्या करेगा? क्या राहुल कटरीना का पता चल जायेगा? क्या खड़कुआ के बुरे दिन आयेंगे? राहुल के कारगर रोड मैप का क्या होगा? अगली किस्त का इंतजार करें!
(जारी.....)
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दीप पाठक |
दीप पाठक सामानांतर के साहित्यिक संपादक है. इनसे deeppathak421@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है.
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